जैसे हर ख़ूनी को बचाने के लिये एक रामजेठमलानी होता है
ऐसे मनमोहन को लोकसभा में बचाने के लिये एक आडवानी जरुरी होता है
JP, BJP, LJP बेईमानो के पीछे जयप्रकाश लगा देख के अफ़सोस होता हैं
पर हर एक पार्टी के लिये भ्रष्टाचार जरुरी होता है
और हर भ्रष्टाचारी को ईमानदारी से तोड़ने के लिये है अन्ना हजारे
अपनाइए अन्ना टेल बिना अपनी पार्टी बदले
ल ल ला ला ला ला ला ला
नीलम जी ,बहुत अच्छी पोस्ट अच्छे अकाट्य मुद्दे -हम भ्रष्टों के भ्रष्ट हमारे ,अन्ना काटें कष्ट हमारे . Friday, August 26, 2011
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"बद अच्छा ,बदनाम ,बुरा
बिन पैसे ,इंसान बुरा ,
काम सभी का ,एक ही है ,पर मनमोहन का नाम बुरा .------"-प्रधान मंत्री जी कह रहें हैं मैंने ४१ बरस इस देश की सेवा की है .इनमें से २० बरस मैंने संसद में बिताये हैं .अपनी पूरी योग्यता से मैंने देश की सेवा की है .मुझ पर आज लोग ऊंगली उठा रहें हैं .नेता विपक्ष मेरी और मेरे परिवारियों की इस दरमियान जुटाई गई संपत्ति की जांच कर सकतें हैं .
मान्यवर हमारे बुजुर्ग कह गएँ हैं -"बद अच्छा बदनाम बुरा ".आपकी उठ बैठ ,सोहबत खराब है ,स्विस बेन्कियों की आप जी हुजूरी कर रहें हैं और स्विस कोष की हिफाज़त .आपकी निष्ठा "मम्मीजी "के साथ है .उस मंद मति बालक के साथ है ,जो इस अकूत संपत्ति का उत्तराधिकारी है .आप कहतें हैं मेरा कुसूर क्या है ?आप इसी बालक के लिए "हॉट सीट "का अनुरक्षण कर रहें हैं