Monday, January 2, 2012

Mercy के मालिक श्रीयुत निलम असुरदास के दोहे


निलम गावत देखके मेलोडीज करी पुकार;
बहुत हो गया तोहरा बेसुरा आयटम सोंग, कब आएगी हमारी बार |



निलम कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय
या खावै अकेला बोराय, वा गावै सैकड़ो बोराय |


निलम-नीलाम गुलाम ते दो कौड़ी भी अधिक नाय;
या रोवै भीख में लोग माल दई जाय;  वा गावै माल छोड़ी के लोग भागी जाय |