"श्री श्री १००८ ताऊ प्रसन्न "
धन्य हो ताऊ धन्य हो, पिछली पोस्ट कुछ ये सोच के लिख दी थी की"रंजिशे ही सही, गरियाने के लिये फ़ोन लगा"
बाकि जैसा पिछली पोस्ट में कपिलाजी की टिप्पणि के उत्तर में लिखा था, हम उनसे कुछ अपेक्षा नहीं कर रहे थे। पर ताऊ ने न केवल पोस्ट पढ़ी बल्कि उसके लिये धन्यवाद भी दिया। मानो कह रहे हो
"रंजिशे ही सही, आ दुसरे गाल पे तमाचा जड़ने के लिये आ
आ मुझे फिर से चिडाने के लिये आ "
ताऊ, आर्ट ओफ लिविंग का कौर्स कर लिये हो? या बाबा रामदेव का ध्यान-योग शुरू कर दिए हो? कुछ ज्ञान मिले तो हमें भी अंधियारे में मत छोड़ देना।
"रंजिशे ही सही, आ मुझे गरियाने के लिये ही टिप्पिया "
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