Wednesday, September 29, 2010

श्रीमद ताऊ पुराण

भक्ति की श्रंखला जारी रहेगी, आज का दिन विशेष है इसलिए, आज ताऊ पुराण पढी जाएगी।
विशेष सुचना: हमारे नायक ताऊ का सिर्फ एक ही जीवित व्यक्ति से सम्बन्ध है, कोई अन्य इसे अपने सन्दर्भ में देखता है तो उसकी अपनी मर्जी।
चरित्र चित्रण: ताऊ लगभग ३० साल का है पर ताऊ के बाल सफ़ेद है (आजकल डाय कर रहा हो तो पता नहीं)। ताऊ को कोई भी बात याद नहीं रहती, विशेष तौर पर जब फोन करने का वादा किया गया हो तो आप गारंटी के साथ कह सकते है की फोन नहीं आएगा। ताऊ हर चीज से बड़ी जल्दी बोर होता है , मसलन ताऊ की ३ बिबिया है, (१) सिगरेट (२) दारु (३) उसकी मोटर साइकिल, पर ३ बीबियों से बोर होकर वोह आजकल ४थि खोज रहा है। फिजिक्स से प्रेम करते करते इंजीनियरिंग कर बैठा, फिर सॉफ्टवेर बनाए फिर बोर हो गया तो हार्ड वेयर बनाए, अब सबसे बोर होकर कुछ समय पहले तक आगे पढने की सोच रहे थे, आजकल क्या सोच रहे है वोह या तो वोह जाने या खुदा।
कथा: ये कथा कई साल पहले की है, ताऊ के जन्म के भी पहले की। ताऊ स्वर्ग में थे , रात का समय था और अगले दिन सुबह ताऊ का भगवान् के साथ अपोइन्ट्मेन्ट था, ताऊ अपने पिछले दिन याद कर रहे थे, ताऊ अपनी लम्बी उम्र पूरी कर स्वर्ग आये थे खुश थे ये सोच कर की उनके सभी रिश्ते नातेदार उन्हें यही पर मिल जायेंगे। पर यहाँ आकर देखा तो पिछले बेच का तो पहले से ट्रान्सफर हो चूका था, ताऊ को लगा की उम्र पूरी करके कोई भूल ही कर दी, इससे तो जेहादी ही बन जाते, कम से कम दो चार लोग साथ तो आतें। मरे तो अकेले, यहाँ आये तो अकेले और आकर भी अकेले!
सब का सब रौशनी का बना हुआ है यहाँ, कुछ भी आर्ट या आरटीफिशिअल नहीं, रोज वही चेहरा, धरती जैसा नहीं की रोज कपडे बदल लिये, कभी जब कुछ अप्सराओ को कोई मृत देह धारण करने को मिल जाती है तो वोह डांस करती है, डांस भी कैसा, पुरे कपडे पहन कर झुर्रीदार चेहरे के साथ क्लास्सिकल, कोई हिप होप नहीं, बेली या बिकनी डांस नहीं बोरिंग। भगवान् ही बचाए जब देह की हड्डियां टूटी होती है तो डांस देख कर सर पीटने का मन करता है, रोज भगवान् से प्राथना करता हूँ की भगवान् अपने जिहादी भेजो ताकि इन्हें आसानी के साथ जवान और सुन्दर देह मिले धारण करने को, कम से कम कोई सुन्दर चेहरा तो मिले आँख सेकने को पर भगवान् है की सुनता नहीं। पहली बार इतने सालो के बाद मौका मिला था अपने सारे गिले शिकवे सुनाने का, ताऊ को रात भर नींद नहीं आई और सोचते हुए कब सुबह हो गई पता ही नहीं चला।
भगवान् से मिले तो उन्हें कुछ कहने की जरुरत ही नहीं पढी (भाई वोह तो मन की बात पहले से ही जानते थे भगवान् जो ठहरे!) उन्होंने ताऊ को धाडस बंधाया, बोले "ताऊ तुम बोर हो गए हों ऐसा करते है देवता ११ बनाम मुर्दा ११ क्रिकेट टेस्ट मैच कर लेते है , तुम्हारा मन बहल जाएगा।" ताऊ खुश, चलो कुछ तो नया होंगा और एक दो दिनों के लिये नहीं पुरे ५ दिनों के लिये। तय समय पर मैच शुरू हुआ, पर ये क्या , रूह बेट्समैन को पहले से पता था की बाल कहा आएगी, फील्डर रूह को पता था की बाल कहाँ जायेगी, कोई रन नहीं कोई उत्साह नहीं, रन बने तो सिर्फ नोबाल और वाइडस में, टास जित कर मुर्दा टीम ने तीन दिन में ११ रन बनाकर पारी की घोषणा की, देवता टीम दो दिन में १० रन बना कर नाबाद रही। खेल के अंत में जब देवता टीम के कैप्टेन इन्द्र ने मुर्दों को बधाई दी और कहा की "वाह मजा आ गया ऐसे मैचो की श्रंखला हो जाए!" तो ताऊ का सर घूम गया, बिना अपोइन्ट्मेन्ट के सीधे खुदा से मिलने पहुच गया। खुदा ने कहा "ताऊ तुम वाकई विशेष हो स्वर्ग से बोर हो गए तो जाओ नरक में रहो, कुछ महीनो के बाद आना, उस समय से यदि चाहो तो स्वर्ग में ही रहना "। इस तरह के ट्रान्सफर आर्डर पर ताऊ को समुझ में नहीं आया की रोये की ख़ुशी मनाये।
खैर कुछ समय के बाद श्राद्ध पक्ष में नरक और स्वर्ग के रहने वालो को १५ दिन की छुट्टी मिली, एक बार फिर ताऊ बिना अपोइन्ट्मेन्ट के सीधे खुदा से मिलने पहुच गया। भगवान् ने पूछा की क्या हाल है, ताऊ खुश, पहली बार खुदा से अपनी जुबा में बात करने का मौका मिला है, नहीं तो वोह कुछ कहने ही नहीं देते, खुद ही पढ़ लेते है, शायद आजकल ज्यादा बीजी है , वैसे भी श्राद्ध में पूजा पाठ ज्यादा होता है। ताऊ तपाक से बोल पड़ा की उसे नरक में अपना हीटेड स्विमिंग पूल बहुत पसंद है, और वहां होने वाली मसाज की तो उसे आदत पड़ गई है रोज नए लोग मिलते है कुछ नया होता रहता है।
भगवान् भी एक बार चकरा गए नरक में हीटेड स्विमिंग पूल, (अब तो नरक का बिजली का बिल देखना पड़ेगा!) चुकी ताऊ खुश था भगवान् कुछ बोले नहीं, और ताऊ भी अपने रस्ते निकल लिये अपनी छुट्टी मनाने। दरअसल गरम तेल के कढाह को ताऊ को स्विमिंग पूल समझता था क्योंकि उसे पता था की देह तो अपनी है नहीं, और ये जलेगी भी नहीं वोह बेखोफ उसका मजा ले रहा था, कहने की जरुरत नहीं की हथोडो की मार को वोह मसाज कहता था।
भगवान् को भी लगा की ताऊ कुछ दिन और नरक में रह लिया या किसी स्वर्ग वाले से धरती पे मिला तो संसार का पूरा का पूरा बंटाधार हो जाएगा,ताऊ अभी धरती पे पहुचे ही नहीं थे की, भगवान् ने आर्डर जारी कर दिए, "तुरंत पैदा हो जाओ।" हड़बड़ी में ताऊ को गेटअप चेंज करने का मौका नहीं मिला नतीजतन, आज से ३० साल पहले बुड्ढे के रूप में पैदा हुए और इस तरह हमें हमारे प्यारे प्यारे ताऊ मिले
इति श्री ताऊ कथा
जन्मदिन तुम्हे बहुत बहुत मूबारक हो ३-४ बीवियों से फुरसत मिले तो कभी कभी फ़ोन कर लेना (पता है की आपको याद नहीं रहेगा पर एक दोस्त होने के नाते आग्रह करना तो हमारा हक़ है ना भाई)
नीलम

2 comments:

  1. कहीं ताऊ लट्ठ ले कर पीछे पडे तो देख लेना-- पोल खोलना मंहगा पडेगा। शुभकामनायें।

    ReplyDelete
  2. कपिलाजी टिपण्णी के लिए धन्यवाद. व्यर्थ की चिंता न करे, अव्वल तो ताऊ को याद ही नहीं रहेगा की ब्लॉग की पोस्ट पढना है, पढ़ ली तो जब तक उससे मिलूँगा वोह इस शरारत को भूल चूका होंगा, और खुदा न खास्ता याद रह भी गया तो ताऊ दिल का बहुत भला है, आसानी से मान जाता है!

    ReplyDelete