(1) बाल झड़ने की शुरुवात :
मै और मेरे गिरते हुए बाल अक्सर ये बातें करते है;
अगर तुम सिर पर होते तो कैसा होता, ऐसा होता, वैसा होता।
तुम मेरे सर चढ़ के नाचते और मै अपने पंजो पर नाचता।
मै तुम्हे प्यार से सहलाता, तेल मालिश करता और तुम दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ते।
हवा चलती, तुम इठलाते बलखाते, और मेरे पैर जमीन पर न पड़ते।
तुम मेरे सर चढ़ के नाचते और मै अपने पंजो पर नाचता।
मै तुम्हे प्यार से सहलाता, तेल मालिश करता और तुम दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ते।
हवा चलती, तुम इठलाते बलखाते, और मेरे पैर जमीन पर न पड़ते।
हाय तुम मुझे यूँ गंजा छोड़ कहाँ चल दियें।
मै और मेरे गिरते हुए बाल.……………
मै और मेरे गिरते हुए बाल.……………
(2) बेतहाशा बाल झड़ना :
अब मुझे रात दिन बालो का ही ख़्याल है; क्या कहूं गंजे सर का क्या हाल है;
इस गंजे को ये मलाल है, कि तुम्हारे सर पे बाल है।अब मुझे रात दिन............
इस गंजे को ये मलाल है, कि तुम्हारे सर पे बाल है।अब मुझे रात दिन............
बालो को बढ़ता देखे बिना चैन मिलता नहीं; तेल मालिश भी तो कोई अब चलता नहीं;
जादू हैं कैसा, की तेरा कोई बाल झड़ता नहीं उजड़ गया हूँ, इस गँजाई में | अब मुझे रात दिन .....
जादू हैं कैसा, की तेरा कोई बाल झड़ता नहीं उजड़ गया हूँ, इस गँजाई में | अब मुझे रात दिन .....
हद से बढ़ने लगा मेरा गंजापन; विग को लगा लूं ,के टोपी के निचे छुपा लूं;
या फिर हेयर ट्रांसप्लांट करा लूं, क्या कहूं गंजे सर का क्या हाल है | अब मुझे रात दिन बालो का ही ख़्याल है।
या फिर हेयर ट्रांसप्लांट करा लूं, क्या कहूं गंजे सर का क्या हाल है | अब मुझे रात दिन बालो का ही ख़्याल है।
(3) लगभग पूरा गंजापन :
गँजाई, गँजाई, गँजाई ; टेनशन का साथ क्या खूब निभाई।
जब से टकली देने लगी है दिखाई, तेल मालिश भी कोई काम न आई। गँजाई ,गँजाई ,गँजाई।
जब से टकली देने लगी है दिखाई, तेल मालिश भी कोई काम न आई। गँजाई ,गँजाई ,गँजाई।
आज नए इम्पोर्टेड तेल की शीशी है मंगाई ; कल ही नीम हकीमो ने थी बताई |
अब तक जो भी दवा है लगाईं ; उसने मेरी दुर्गती ही बनाई।
डूबी मेरी पाई पाई, लूट ले गई गाढ़ी कमाई; गँजाई, गँजाई, गँजाई ।
अब तक जो भी दवा है लगाईं ; उसने मेरी दुर्गती ही बनाई।
डूबी मेरी पाई पाई, लूट ले गई गाढ़ी कमाई; गँजाई, गँजाई, गँजाई ।
(4) पूर्णतया बाल रहित :
गँजाई गँजाई; टकली पे फैली हुई हैं गँजाई।
मैने जो किया कंडीशनर अप्लाई, तो बालो की जड़े ही हाथो में आई।
बालो के वास्ते टेबलेट्स मैंने कैसी कैसी खाई; पर टूटे बाल सारे, मायूसी है छाई।
हर दवा, फ़ैल हुई, जिंदगी उखड गई; गँजाई, गँजाई.....
क्या मैंने चाह था, और क्यों किस्मत मैं आई, गँजाई, गँजाई; टकली पे फैली हुई हैं गँजाई।
मैने जो किया कंडीशनर अप्लाई, तो बालो की जड़े ही हाथो में आई।
बालो के वास्ते टेबलेट्स मैंने कैसी कैसी खाई; पर टूटे बाल सारे, मायूसी है छाई।
हर दवा, फ़ैल हुई, जिंदगी उखड गई; गँजाई, गँजाई.....
क्या मैंने चाह था, और क्यों किस्मत मैं आई, गँजाई, गँजाई; टकली पे फैली हुई हैं गँजाई।
(5) हालातो से समझौता
बालो का टूटना, झड़ना और उखड़ना, कोई मरहम ना इन्हे रोके।
मरहम मल्टीनेशनल कंपनीज़ के लिए है, मैंने कुछ ना पाया इन्हे अप्लाई करके।